आने-जाने के लिए E-Pass में बदलाव, ये है नयी गाइडलाइन
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और प्रदेश से बाहर फंसे लोगों के आने-जाने के लिए ई-पास (E-Pass) की व्यवस्था में कुछ बदलाव किया गया है. देश के अन्य हॉटस्पॉट (Hot Spot) जिलों से प्रदेश में आने के लिए फिलहाल ई-पास जारी नहीं किया जाएगा.अगर अपनी गाड़ी है तभी प्रदेश के बाहर जाने के लिए ई-पास की अनुमति दी जाएगी वो भी सिर्फ किसी की मौत या हेल्थ इमरजेंसी होने पर. अपर मुख्य सचिव ने बुधवार को सभी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं.
ये है नयी व्यवस्था
सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि कोई भी व्यक्ति जो प्रदेश में आना चाहता है या यहां से बाहर जाना चाहता है तो उसके पास या तो खुद की गाड़ी होनी चाहिए तभी ई-पास जारी किया जाएगा.ऐसे अभिभावक जिनके बच्चे दूसरे प्रदेशों में फंसे हुए हैं उन्हें बच्चों को लेने जाने और लौटने के लिए एक ही पास जारी किया जाएगा. आने और जाने के लिए अलग से पास बनवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. एक से दूसरे जिलों में काम से आने-जाने वाले मजदूरों और ठेकेदारों को उनके आवेदन के आधार पर पास जारी किया जाएगा.
भोपाल, इंदौर, उज्जैन में प्रतिबंध इंदौर, भोपाल, उज्जैन में आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. इन जिलों में केवल दो ही कंडीशन में ई-पास बनाने की छूट दी जाएगी. किसी की मृत्यु होने पर या मेडिकल इमरजेंसी होने पर. इन दो परिस्थितियों को छोड़कर बाकी किसी को भी इन जिलों में आने-जाने की इजाजत नहीं होगी. हॉटस्पॉट वाले जिलों से आने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है.
राजधानी भोपाल की सीमाएं सील
भोपाल में कोरोना (COVID-19) के बढ़ते संक्रमण के कारण यहां की सीमाएं पूरी तरह सील हैं. आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. बाहर का कोई भी व्यक्ति ना तो यहां आ सकता है और ना ही यहां से बाहर जा सकता है. यही वजह है कि मध्य प्रदेश से बाहर आने-जाने के लिए सरकार ने अभी ई-पास की व्यवस्था की है. बेहद जरूरी या इमरजेंसी होने पर ही ई-पास जारी किया जाएगा.
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