अमेरिका का ऐलान! चीन को छोड़कर भारत चली जाएं कंपनियां
भारत अब जल्द ही 5 ट्रिल्यन डॉलर इकॉनमी वाला देश बनने वाला है। कोरोना महामारी के बीच इस बात की चर्चा जोरों पर है कि अमेरिका की तमाम कंपनियां अब चीन के विकल्प की तलाश कर रही हैं और उनकी नजर भारत पर है। खुद प्रधानमंत्री मोदी राज्यों से कह चुके हैं कि कोरोना महामारी से निपटने के साथ-साथ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटिजी पर काम करते रहें। अगर कोई कंपनी भारत में निवेश करना चाहती है तो इस मौके को किसी भी कीमत पर गंवाना नहीं है।
दरअसल पिछले सप्ताह अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट्स के सीनियर अधिकारियों और भारत में काम कर रही अमेरिकन कंपनियों के प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई थी।बैठक का आयोजन अमेरिकन चैम्बर ऑफ कॉमर्स इन इंडिया की तरफ से किया गया था। इस बैठक में भारत को निवेश के लिए नए विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। यूएस गवर्नमेंट डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट्स की तरफ से भी इसका समर्थन किया गया है।
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट्स में साउथ एशिया के असिस्टेंट सेक्रेटरी ऑफ स्टेट थॉमस वाजदा ने इस बैठक में कहा कि जो इंडस्ट्रियल ऐक्टिविटी अभी चीन में हो रही है बहुत जल्द वह भारत में होने वाली है। अमेरिकी कंपनियों के प्रतिनिधियों से कहा गया है कि वे अपने प्रस्ताव को लेकर भारत सरकार से सामने पहुंचे और इन्सेंटिव की मांग करें जिससे आने वाले दिनों में यहां अमेरिकन कंपनियों का तेजी से विस्तार हो सके। वाजदा ने कहा कि दोनों देश की सरकार भी एक दूसरे की मदद करने वाली है।
ईटी ने इस बैठक से संबंधित तीन लोगों से बात करने की कोशिश की, लेकिन कॉन्फिडेंशियल होने की वजह से उन्होंने कमेंट करने से इंकार कर दिया। दिल्ली में अमेरिकन दूतावास के स्पोक्सपर्सन ने इस बैठक को लेकर कमेंट करने से मना कर दिया। अमेरिकन चैम्बर ऑफ कॉमर्स इन इंडिया ने ईटी के सवालों का जवाब नहीं दिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, डिपार्टमेंट ऑफ प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री ऐंड इंटर्नल ट्रेड ने जॉइंट सेक्रेटरी स्तर के अधिकारियों को लेकर एक स्पेशल कमिटी का गठन किया है। इस कमिटी में सभी मंत्रालयों के अधिकारियों को शामिल किया गया है। इस कमिटी का काम उस स्ट्रैटिजी को तैयार करना और उस पर आगे बढ़ना है, जिससे भारत में बड़े पैमाने पर निवेशक आए और निवेश करें।
सोमवार को पीएम मोदी ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक की थी। इस बैठक में लॉकडाउन पर चर्चा हुई, साथ में इकॉनमी को कैसे खोला जाए इसके बारे में भी चर्चा हुई थी। बैठक के दौरान ही पीएम मे मुख्यमंत्रियों से कहा था कि वे निवेशकों को अपने राज्यों में लुभाने की कार्य योजना पर तेजी से काम करें और निवेशकों के लिए रेड कार्पेट बिछी होनी चाहिए।
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