फिर सामने आई चीन की चालबाजी, अब कर रहा है ऐसा काम

कोरोना वायरस फैलाने को लेकर पूरे विश्व में तोहमत झेल रहे चीन की चालबाजी कम नहीं हो रही है। कोरोना के बाद चीन द्वारा मृत सुअरों के जरिए बीमारी फैलाने का मामला सामने आया है। असम में अब तक हजारों सुअरों की मौत हो चुकी है। असम के पशुपालन मंत्री अतुल बोरा का कहना है कि सुअरों में यह रहस्यमय बीमारी चीन से आई है। इससे अब तक 2500 से ज्यादा सुअरों की मौत हो चुकी है।


पशुपालन मंत्री बोरा के मुताबिक चीन और तिब्बत में अनेक शूकर बीमार हुए थे, इन्हें ब्रह्मपुत्र नदी में बहा दिया गया। इसके चलते पहले अरुणाचल प्रदेश और बाद में असम के जोनाई में सूअर बीमार होने लगे। अरुणाचल प्रदेश में सुअरों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू होने के सबूत मिले हैं।


बोरा ने कहा कि हमारे पशु डाक्टरों का कहना है कि चीन से यह वायरस आया है। इस बीच प्रभावित हुए सुअरों के नमूने जांच के लिए भोपाल की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्यूरिटी एनिमल डिजीजेज में भेजे गए हैं। वहां से रिपोर्ट आनी बाकी है।


कहा जा रहा है कि राज्य के जंगली शूकर इस बीमारी की चपेट में आ गए तो स्थिति भयावह होगी। पशु डाक्टरों का कहना है कि क्लासिकल स्वाइन बुखार की इंजेक्शन देने के बाद भी सूअर अच्छे नहीं हुए। इसलिए नमूने भोपाल भेज गए हैं। राज्य में 2,226 सुअरों की मौत हो चुकी हैं। राज्य के छह जिले इस बीमारी की चपेट में हैं। राज्य के इन जिलों में सुअरों और उनका मांस बेचने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस तरह की बीमारी 1921 में अफ्रीका में देखी गई थी। वहीं से विभिन्न देशों से होते हुए चीन में यह बीमारी फैली में यह फैली। फिलहाल यह अनजान बीमारी राज्य के छह जिलों धेमाजी, लखीमपुर, विश्वनाथ, डिबू्रगढ़, शिवासागर और जोरहाट में पाई गई है। सबसे ज्यादा शिवसागर जिले में 1128 सुअरों के मारे जाने की सूचना है। राज्य सरकार ने प्रभावित छह जिलो को कंटेनमेंट जोन घोषित कर यहां से सुअरों के परिवहन को पूरी तरह प्रतिबंधित किया है।


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