उपचुनाव तय करेंगे कांग्रेस की किस्मत, चुनाव की कुछ ऐसी है तैयारी
मध्यप्रदेश में अब उपचुनाव शुरू होने वाले है, जिसके लिए शहरी विधानसभा क्षेत्रों में तैयारियां शुरू हो चुकी है। इस बार कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। इस बार ग्वालियर-चंबल अंचल ही तय करेगा कि शिवराज सरकार बनी रहेगी या कमलनाथ सरकार लौटकर आएगी।
इसका कारण यह कि उपचुनाव में अंचल की 14 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा और इन 13 विधानसभा क्षेत्रों से चुने विधायकों ने ही एमपी में कांग्रेस सरकार गिरा दी थी।
कांग्रेस के लिए दोहरी चुनौती
इस बार कांग्रेस के सामने डबल चुनौती होगी। पहली ये कि इस बार सिंधिया परिवार से लड़ना होगा और दूसरी ये कि बीजेपी को कमजोर करते हुए जातीय समीकरण बैठाने होंगे। जमीनी तौर पर मजबूत होना होगा। तभी उपचुनाव की राह आसान हो सकती है।
बीजेपी ने तय किए उम्मीदवार
बीजेपी ने पहले से ही अपने उम्मीदवार तय किए हुए हैं। इसमें वो 13 बागी नेता भी शामिल हैं जो कांग्रेस छोड़ कर आए थे। वहिंम इस बीच जौरो की सीट पर बीजेपी किसे उतारेगी यह अभी तक तय नहीं हो पाया है। संकट ये है कि इस सीट पर विधायक रहे लेट बनवारी लाल शर्मा का सिंधिया की तरफ झुकाव था इसलिए बीजेपी असमंजस में है और इस सीट को लेकर ऐसी ही कंडीशन कुछ कांग्रेस की भी है
बीजेपी की बड़ी चुनौती
बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही है कि वो अपने उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं के बीच
सही ताल-मेल बैठा सके, क्योंकि इन क्षेत्रों में काम कर रहे नेता और कार्यकर्ता भी बीजेपी के लिए उतने ही जरूरी है जितने की उम्मीदवार। ऐसे में दोनों में से किसी को भी अवॉयड करना बीजेपी को कष्ट दे सकता है।
वहीं, बीजेपी ने केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व ने पूरी ताकत लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। वहीँ, मुरैना जिला जो केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का संसदीय क्षेत्र है, इन उपचुनावों में महत्वपूर्ण फैसला करेगा।
कांग्रेस है इनके भरोसे
वहीँ, कांग्रेस के पास अब ज्यादा आप्शन नही है इसलिए पार्टी का भरोसा कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर ही टिका है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने के बाद अब कांग्रेस के पास कोई भी जोरदार नेता नहीं बचा है जो अपनी लोकप्रियता के दम पर वोट ले आए। कमलनाथ का जमीनी तौर पर कोई लगाव नहीं है और वो सवा साल तक सीएम रहे लेकिन फिर भी जमीनी रूप से लोगों के बीच कभी नहीं गये।
वहीँ दिग्विजय भी अब अंचल में खासे लोकप्रिय नहीं रहे। कभी उनका दम-खम चलता था लेकिन अब वो भी उस तरह से नहीं रहा। अब जो है वो उम्मीदवारी है वो ही कमाल कर सकती है।
इन पर दांव खेलेगी कांग्रेस
-ग्वालियर विधानसभा से सुनील शर्मा का नाम सबसे पहले लिया जा रहा है। ये दिग्विजय के नजदीकी बताये जाते हैं।
-अशोक सिंह का नाम पूर्व विधानसभा क्षेत्र के लिए चर्चाओं में हैं। अशोक सिंह कमल नाथ के भी नजदीकी हैं।
-डबरा विधानसभा सीट पर सत्यप्रकाश परसेड़िया का नाम है।
-धाकड़ होने के कारण कांग्रेस पोहरी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मंत्री रामनिवास रावत पर दांव खेलेगी।
-मुरैना विधानसभा से दिनेश गुर्जर, राकेश मावई का नाम सामने आ रहा है।
-दिमनी व अंबाह में रविंद्र सिंह व सत्पप्रकाश का नाम लिया जा रहा है।
-गोहद के लिए फ़िलहाल कोई नाम तय नहीं है।
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