अब बैन लगने से बेरोजगार हुए लोग, सांपों से बनाई जाती थी शराब और ड्रिंक:चीन
चीन के वुहान शहर से निकले कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दूनिया में हाहाकार मचा दिया है। अब तक लाखों लोगों की जान जा चुकी हैं। इतना ही नहीं वैश्विक महामारी से अब लाखों लोग संक्रमित हो चुके हैं। यह संख्या तेजी से बढ़ रही हैं। वहीं इसी को देखते हुए चीन की सरकार ने वन्य जीवों का मांस खाने, उनके कारोबार और ब्रीडिंग पर बैन लगा दिया है। जिसके चलते हजारों लोग बेरोजगार हो गये है। इसकी वजह यहां सांपों से ही शराब और ड्रिंक (Wine and Drink) तैयार की जाती थी। अब बैन के बाद सांप पकडने वालों का काम ठप हो गया है।
सांपों के गांव के नाम से जाना जाता है
मीडिया रिपोर्ग्स के अनुसार, पश्चिमी चीन (China) के जिसिकियाओ गांव सांपों की ब्रीडिंग का बड़ा केंद्र माना जाता है।
यहां एक साल में 30 लाख से ज्यादा सांप पैदा किए जाते हैं और ये सिलसिला कई दशक से चल रहा है। चीन में पारंपरिक रूप से सांपों की बहुत मांग रही है। इसकी वजह कहीं इससे शराब और ड्रिंक (Drink) बनती हैं तो कहीं लजीज व्यंजन में इस्तेमाल किया जाता है। कुछ जगहों पर सांप की खाल से चमड़ा भी बनता है।
कोरोना महामारी के चलते किया बैन
वही चीन में कोरोना की महामारी से हुई मौत और नुकसान के बाद चीन में वन्य जीवों का मांस खाने, उनके कारोबार और ब्रीडिंग पर बैन लगा दिया गया है। ऐसे में चीनी गांव में सैकड़ों लोग बेरोजगार हो गए हैं, क्योंकि जिसिकियाओ गांव में लोग अब सांपों की ब्रीडिंग का काम नहीं कर पाएंगे। इसकी वजह है विश्व भर में फैली कोरोना वायरस की महामारी। जिसने इस गांव के लोगों का काम छीन लिया है।
कानून में बदलाव कर चाहती है चीन सरकार
जानकारों की मानें तो चीन के जिसिकियाओ गांव में सैकड़ों लोग इस काम में लगे हुए थे, लेकिन अब सब कुछ बंद है। लकड़ी के जिन खांचों को सांप रखने के लिए बनाया गया था। आज वो खाली पड़े हैं। हालांकि बैन अभी अस्थाई है लेकिन चीन पशु संरक्षण और महामारी रोकथाम से जुड़े अपने कानून में बदलाव करना चाहता है। जिसे जल्द ही लागू भी किया जा सकता है।
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