भैंसों के साथ दौड़ने वाले शख्स को ट्रायल के लिए बुलाने का फैसला दबाव मे लिया गया था : खेल मंत्री
देश के खेल मंत्री किरण रिजिजू ने रविवार को स्वीकार किया कि भैंसों के साथ दौड़कर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरने वाले धावकों को तुरंत ट्रायल के लिए बुलाने का फैसला दबाव में किया गया, जिससे कि लगे कि वह अपने काम को लेकर तत्पर हैं।
कर्नाटक के कंबाला धावक श्रीनिवास गौड़ा और मध्य प्रदेश के रामेश्वर गुर्जर ने पिछले साल प्रतिकूल हालात में दौड़ लगाकर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरी थीं। माना जा रहा था कि इन्होंने 11 सेकेंड में 100 मीटर दौड़ पूरी की थी जिससे ये दोनों सोशल मीडिया पर छा गए और लोग उन्हें अगला उसेन बोल्ट कहने लगे।
रिजिजू ने कहा, "मध्य प्रदेश में किसी ने गांव के एक लड़के का दौड़ते हुए वीडियो बनाया और इसे सोशल मीडिया पर डाल दिया, साथ में टिप्पणी की कि वह उसने बोल्ट से तेज दौड़ रहा है।
जब यह वायरल हो गया तो मैं इसकी अनदेखी कर सकता था, लेकिन मान लीजिए कि मैं समय पर प्रतिक्रिया नहीं देता तो लोग कहते कि खेल मंत्री चुप बैठा है, वह इसका संज्ञान नहीं ले रहा।"
जल्द ही राष्ट्रीय शिविर फिर से शुरू करने की योजना
खेल मंत्री किरण रिजिजू ने रविवार को कहा कि उनका मंत्रालय ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय शिविरों को चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की योजना बना रहा है। रिजिजू ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लगे देशव्यापी लॉकडाउन के कारण उनका मंत्रालय भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के केंद्रों में ट्रेनिंग शिविर शुरू नहीं कर पाया।
पहले लॉकडाउन तीन मई तक था, जिसे अब 17 मई तक बढ़ा दिया गया है। रिजिजू ने फिक्की के वेबिनार 'कोराना एवं खेल : द चैंपियंस स्पीक' में कहा, 'शिविर चरणबद्ध तरीके से शुरू होंगे। पहले हम एनआइएस पटियाला और बेंगलुरु के साई में ट्रेनिंग शुरू करेंगे, जहां इस समय एथलीट ठहरे हुए हैं। इस महीने के अंत से बेंगलुरु और पटियाला में ट्रेनिंग शुरू करने की उम्मीद है। शिविर उन खेलों के लिए होंगे, जिसमें हमने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है या उन खेलों के लिए होंगे जिसके भविष्य में ओलंपिक क्वालीफिकेशन हैं।' राष्ट्रीय शिविर मार्च के मध्य में निलंबित कर दिए थे जब कोविड-19 महामारी के मामले देश में बढ़ने शुरू हुए थे।
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