फसल नुकसान की जानकारी, किसानों को इतने घंटे के भीतर देनी होगी वरना नहीं मिलेगा बीमा का लाभ

फसल मड़ाई के बाद 14 दिन तक खेत में पड़ी फसल का अगर बेमौसम बारिश और ओले से नुकसान पहुंचा है तो 72 घंटे के अंदर आपको फसल बीमा कंपनी को सूचना देनी होगी. इसके बाद फसल नुकसान की भरपाई मिलेगी. केंद्र सरकार ने किसानों को 72 घंटे वाली इस शर्त का यह संदेश देकर उन्हें अलर्ट किया है. ताकि अगर कोई किसान फसल बीमा कंपनी की शर्तों से अनजान है तो उसे नुकसान न हो. जानकारों का कहना है कि जैसे किसी बीमार व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करवाने के बाद बीमा क्लेम के लिए बीमा कंपनी को सूचित करना पड़ता है उसी तरह से फसल नुकसान होने पर भी बीमा कंपनी को सूचित करना जरूरी होता है. 

फसलों पर हमेशा मौसम की मार पड़ती रहती है.कभी बेमौसम बारिश और कभी सूखे की स्थिति में फसल सीधे तौर पर प्रभावित होती है. ऐसे में किसानों को इस मुश्किल से निकालने के लिए ही भारत सरकार किसानों के लिए पीएम फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana Crop Insurance-PMFBY) चला रही है. इसके जरिए आप अपनी फसल की नुकसान की भरपाई कर सकते हैं. लेकिन इसमें एक शर्त है जिससे काफी किसान अनजान रहते हैं. वे सूचना समय पर दे नहीं पाते और इसलिए उन्हें बीमा करवाने के बाद भी फसल नुकसान का क्लेम लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है.

आइए जानें इसका पूरा प्रोसस... किसानों को मिले 2424 करोड़ रुपये-केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY-Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत 16 अप्रैल तक लॉकडाउन मेंं 12 राज्यों के किसानों को 2424 करोड़ के दावों (Claim) का भुगतान किया गया है. उधर, सरकार की यह कोशिश भी जारी है कि इस योजना से ज्यादा से ज्यादा किसान जुड़ें. किसानों को फोन पर मैसेज भेजकर बीमा में शामिल होने की अपील की जा रही है ताकि खेती में उनका जोखिम कम हो. क्योंकि बीमा क्षेत्र घटता जा रहा है. 2018-19 सिर्फ 507.987 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र का ही बीमा हुआ. जबकि पहले यह इससे कहीं ज्यादा हुआ करता था.

ऐसे करवाएं फसल बीमा-पीएम फसल बीमा योजना के लिए बैंक जाकर आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा ऑनलाइन फॉर्म भी भरा जा सकता है. https://pmfby.gov.in/ लिंक पर जाकर आप फॉर्म भर सकते हैं. यदि आप पीएम फसल बीमा योजना के फॉर्म को ऑफलाइन भरना चाहते हैं तो इसके लिए नजदीकी बैंक शाखा पर जाना होगा.

पीएम फसल बीमा योजना के लिए किसान को अपना फोटोग्राफ, आईडी कार्ड के तौर पर पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट या आधार कार्ड देना होगा.

इसके अलावा पते के प्रमाण के तौर पर भी इन्हीं दस्तावेजों में से किसी एक को दिया जा सकता है. अपने खेती के दस्तावेज रखने होंगे और खसरा नंबर की जानकारी देनी होगी. प्रधान, पटवारी या सरपंच के लेटर को पेश करना होगा कि किसान ने फसल बोई है.

अगर आपने किसी अन्य व्यक्ति के खेत को किराये पर लेकर फसल बोई है तो अग्रीमेंट के दस्तावेज दिखाने होंगे. क्लेम की राशि सीधे आपके बैंक खाते में ही आए, इसके लिए यह जरूरी होगा कि आप एक कैंसल चेक भी सौंपें.

प्राकृतिक आपदा की स्थिति में फसल कटाई से 14 दिनों पहले तक आप इसके लिए क्लेम कर सकते हैं. यहां यह बात ध्यान रखने की जरूरत है कि प्राकृतिक आपदा के अलावा अन्य किसी संकट पर बीमा की सुविधा नहीं मिलती.

पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों को खरीफ की फसल के लिए 2 प्रतिशत प्रीमियम देना होता है, जबकि रबी के लिए 1.5 पर्सेंट प्रीमियम अदा करना होता है.

भ्रष्टाचार से परेशान हैं किसान 

राष्ट्रीय किसान महासंघ के संस्थापक सदस्य विनोद आनंद कहते हैं कि इंश्योरेंस कंपनी व किसान के बीच राज्य सरकार (राजस्व विभाग) है. जबकि बीमा केंद्रीय विषय है. किसान की फसल खराब होने के बाद पहले तहसीलदार और उसके मातहत कर्मचारी रिपोर्ट बनाते हैं, जिसमें वे खुलेआम पैसे मांगते हैं. जबकि बीमा कंपनी फसल नुकसान का आकलन निजी वेदर कंपनी स्काईमेट की रिपोर्ट पर करती है. इन दोनों की ऐसी मिलीभगत है कि कभी किसान के नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी से नहीं हो पाती. कई क्षेत्रों में तो कंपनियां बीमा करती ही नहीं हैं.


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