श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को लेकर जारी किए नए दिशा-निर्देश, जानिए किसको मिल सकता है टिकट: रेल मंत्रालय

लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को उनके गृह राज्य ले जाने के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेनें चलाई जा रही हैं। ऐसे में इन ट्रेनों के बारे में कई तरह की खबरें सामने आ रही थीं, जिसके बाद रेल मंत्रालय ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को लेकर रविवार को कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं।


रेल मंत्रालय का कहना है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन करने के लिए निर्दिष्ट गंतव्य के अनुसार राज्य द्वारा दी गई यात्रियों की संख्या के अनुसार ट्रेन टिकट की छपाई की जाएगी।


यात्री राज्य सरकार के स्थानीय अधिकारी से टिकट ले सकते हैं। यात्री स्थानीय अधिकारी को ही टिकट के पैसे देंगे। स्थानीय अधिकारी यात्रियों से किरायाकिराया इकट्ठा करके रेलवे को देगा।





 





 



 




रेलवे ने कहा, 'प्रत्येक श्रमिक स्पेशल ट्रेन का केवल एक गंतव्य होगा और यह बीच में नहीं रुकेगी। सामान्य तौर पर, श्रमिक स्पेशल ट्रेन 500 किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए चलेंगी। ये ट्रेन गंतव्य से पहले बीच में किसी स्टेशन पर नहीं रुकेंगी। पूरी लंबाई वाली ट्रेन में यात्री भौतिक दूरी के नियम का पालन करते हुए बैठेंगे और बीच वाली सीट पर कोई नहीं बैठेगा। इस तरह की प्रत्येक ट्रेन लगभग 1,200 यात्रियों को ले जा सकती है।'


श्रमिक ट्रेन से कौन कर सकता है यात्रा?


रेल मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देश में बताया गया है कि श्रमिक ट्रेन से कौन-कौन से यात्री यात्रा कर सकते हैं। मंत्रालय के अनुसार, देशभर में लॉकडाउन के कारण फंसे प्रवासी मजदूर, छात्र, कामगार और पर्यटक ही यात्रा कर सकते हैं। इसके लिए इन यात्रियों को स्थानीय प्रशासन को आवेदन और अपना विवरण देना होगा। फिर जिस राज्य से निर्दिष्ट गंतव्य तक यात्रा करनी है, उन दोनों राज्यों से यात्री को अनुमति मिलेगी। इसके बाद ही टिकट जारी किया जाएगा।


यात्रा करने के लिए क्या हैं दिशा-निर्देश?


-सभी यात्रियों का फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा।


-12 घंटे से अधिक लंबी यात्रा वाली ट्रेनों में एक समय का भोजन रेलवे द्वारा प्रदान किया जाएगा।


-जहां से ट्रेन चलेगी, वहां प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य सरकार द्वारा यात्रा करने के लिए मंजूरी व टिकट मिलने के बाद ही यात्री ट्रेन पर यात्रा करे। यात्रियों को स्क्रीनिंग के बाद ट्रेन में बैठने दिया जाएगा।


-गंतव्य पर पहुंचने के बाद राज्य सरकार के अधिकारी यात्रियों की अगवानी करेंगे और उनकी स्क्रीनिंग, जरूरी होने पर पृथक-वास और आगे की यात्रा से संबंधित सभी प्रबंध करेंगे।


-रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा।


बताते चलें कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप की वजह से लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया गया है। इस महामारी की वजह से देश में गंभीर स्थिति बनी हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, अब तक कुल 39,980 कोरोना वायरस से संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं। इसमें से 1,301 लोगों की इस महामारी के कारण मृत्यु हो चुकी है, जबकि 10,633 लोग ऐसे हैं जोकि या तो ठीक हो गए हैं या फिर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।


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