इस श्राप की वजह से आज भी कुत्ते खुले में करते हैं संभोग

 


यह कहानी महाभारत काल में बताई जाती हैं कि द्रोपदी के श्राप के कारण कुत्ते आपस में सहवास करते हैं। यह लोककथा बहुत ही प्रचलित हैं परंतु इसका प्रमाण किसी भी ग्रंथ में नहीं मिलता हैं।

आपने देखा होगा की कुत्ते हमेशा खुले में ही सहवास करते हैं लेकिन इसके पीछे भी एक कहानी है ! आइये जानते हैं.. ये कहानी शुरू हुई थी महाभारत से, जैसा की आप जानते हैं द्रौपदी पांच पांडवों की अकेली बीवी थी, 5 पांडव भाइयों ने एक साथ ही द्रौपदी से विवाह रचाया था ! इस विवाह के बाद पांचों पांडव भाइयों ने निर्धारित किया था की द्रौपदी प्रत्येक वर्ष एक पांडव के पास रहेगी और उसी के साथ समय व्यतीत करेगी ! इनमे ये भी निर्धारित हुआ की जब द्रौपदी एक पांडव के कक्ष में हो तो उस समय कोई दूसरा पांडव भाई उस कक्ष में प्रवेश नहीं करेगा !

यहीं से शुरू हुई कुत्तों को श्राप मिलने की घटना, दरअसल जब द्रौपदी एक पांडव के साथ कक्ष में होती थी तो वो पांडव कक्ष के बाहर अपनी पादुकाएं छोड़ देता था ताकि दूसरे पांडवों को पता चल जाये की कक्ष में दूसरा भाई है और उस समय कक्ष में प्रवेश नहीं करना है ! लेकिन एक बार जब अर्जुन द्रौपदी के पास कक्ष में आया तो उसने भी अपनी पादुकाएं कक्ष के बाहर छोड़ दी ताकि दूसरे भाइयों को पता चल सके की कक्ष में प्रवेश नहीं करना है !
इस समय जब कक्ष के अंदर द्रौपदी और अर्जुन प्रेम प्रसंग में लीन थे तभी एक कुत्ता घूमता घूमता आया और कक्ष के बाहर रखी अर्जुन की पादुकाएं उठाकर पास के जंगल में ले गया और उनके साथ खेलने लगा !
इसी दौरान भीम द्रौपदी से मिलने कक्ष में आया और उसने देखा की कक्ष के बाहर कोई पादुकाएं नहीं हैं तो उसे लगा की अंदर कोई नहीं है तो भीम ने कक्ष में प्रवेश कर लिया ! कक्ष में अर्जुन और द्रौपदी प्रेमप्रसंग में लीन थे और भीम के अचानक अंदर आ जाने से द्रौपदी को काफी शर्मिंदगी महसूस हुई ! इस घटना से दोनों भाइयों में भी तनाव हो गया और अर्जुन ने भीम को गुस्से में कहा की जब मैं कक्ष के बाहर अपनी पादुकाएं छोड़कर आया था तो तुमने अंदर प्रवेश क्यों किया ?
तब भीम बोला की बाहर तो कोई पादुकाएं नहीं रखी हैं तब दोनों भाइयों ने बाहर आकर देखा तो सच में अर्जुन की पादुकाएं वहां से गायब थी ! पादुकाएं कौन ले गया इसकी खोज में दोनों भाई पादुकाएं ढूंढते ढूंढते पास के जंगल में गए जहाँ उन्होंने देखा की एक कुत्ता अर्जुन की पादुकाओं के साथ खेल रहा था ! जब द्रौपदी को पता चला की कुत्ते के द्वारा पादुकाएं उठाकर ले जाने के कारण ऐसा हुआ है तो द्रौपदी ने गुस्से में उस कुत्ते को श्राप दे डाला की जैसे आज मुझे किसी ने सहवास करते हुए देखा है वैसे ही सारी दुनिया तुम्हे भी हमेशा सहवास करते देखेगी !इसी श्राप के कारण माना जाता है की कुत्ते हमेशा खुले में सहवास करते हैं और सहवास करते समय उन्हें कोई लाज-शर्म नहीं होती !

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