स्वेज नहर में फसा जहाज निकला, दुनिया को मिली बड़ी राहत



 नई दिल्लीः विश्व के सबसे ज्यादा कोरोबारी मार्ग मिस्र की स्वेज में चीन से माल लेकर आ रहे एक मालवाहक जहाज एवयग्रीन में जा फंसा। जिसके कारण उस मार्ग में विशाल जाम की स्थिति पैदा हो गई। हालांकि जानकारी मिली है कि इस जहाज को छह दिन के कड़ी मशक्कत के बाद से निकाल लिया गया।

क्या है पूरा मामलाः

आप को बता दें कि मिस्र की स्वेज नहर में बीते मंगलवार यानी 23 मार्च को चीन से माल लेकर विशाल मालवाहक जहाज एवरग्रीन में जा फंसा। कड़ी मेहनत के बाद से इस जहाज को छह दिन बाद सोमवार सुबह 04:30 बजे सुरक्षित निकाल लिया गया।

इस जहाज में भारतीय जहाज भी फंसेः

गौरतलब है कि मंगलवार को इस मार्ग पर सौ से अधिक जहाज जाम में फंसे रहे। इन जहाजों में 25 भारतीय जहाज भी फेंसे रहे। इससे हर घंटे 2800 करोड़ा रुपये का भारी नुक्सान हुआ। फिलहाल फंसे हुए सभी चालक सुरक्षित है। वहीं विशेषज्ञों ने कहा था कि इस जाम को खोलने में कम से कम पांच से सात दिन लग सकता है। तब तक एशिया और यूरोप के बीच ज्यादातर ट्रेड प्रभावित हुए।

जहाजों को धक्का देने वाली ताकतवर बोट को तैनात कियाः

सूत्रों कि माने तो इस मालवाहक जहाज एवय गिवेन पर पनामा का झंडा लगा हुआ है। जो 193.3 किलोमीटर लंबी स्वेज नहर भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है। मंगलवार सुबह स्वेज पोर्ट के उत्तर में नहर को पार करने के दौरान कंट्रोल खोने से यह जहाज स्वेज नहर में फंस गया। इसे निकालने के लिए बड़े पैमाने पर जहाजों को धक्का देने वाली ताकतवर बोट को तैनात किया गया।

तेज बवंडर के कारण घूमा शिपः

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस विशाल जहार के चालक दल ने बताया कि स्वेज नहर को पार करते समय आए हवा के एक तेज बवंडर के कारण उनका शिप घूम गया। बाद में जब उसे सीधा करने का प्रयास किया, तो जहाज ने नहर की चौड़ाई में घूमकर पूरे ट्रैफिक को ही बंद कर दिया। इस जहाज के पीछे एक और मालवाहक जहाज द मेर्सक डेनवर भी फंस गया। इतना ही नहीं, एवर गिवेन शिप के फंसने से लाल सागर और भूमध्य सागर के किनारों पर बड़ी संख्या में जहाजों का जाम लगा गया।

इस मार्ग से हजारों संख्या में शिप करते है सफरः

आप को बता दें कि ऐसे ही नहीं इस मार्ग को दुनिया के सबसे व्यस्थ मार्ग कहा गया है। इस मार्ग से रोज हजारों की संख्या में छोटे से लेकर बड़े शिल यूरोप से लेकर एशिया और एशिया से लेकर यूरोप की सफर करते हैं। इस लंबे समय के जाम से कुछ समुद्री जहाजों को पूरे अफ्रीका महाद्वीप का चक्कर लगाते हुए यूरोप तक जाना पड़ा।

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