जबलपुर रेल मंडल के 450 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव, रेलवे हॉस्पिटल फुल
जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में ट्रेनों की रफ्तार इन दिनों धीमा हो गई है। न सिर्फ यात्री ट्रेन बल्कि अब एक जगह से दूसरी जगह माल पहुंचाने वाली गाड़ियां भी चलाना मुश्किल हो गया है। जबलपुर रेल मंडल से चलने और गुजरने वाली ट्रेनों को चलाने वाले तकरीबन ढाई सौ से ज्यादा ड्राइवर और गार्ड बीमार हो गए हैं। दिन ब दिन ट्रेनों के संचालन की हालात खराब होती जा रही है। इतना ही नहीं ड्राइवर और गार्ड के साथ उनके परिजन भी अब कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं, जिससे ट्रेनों के पहिए धीमे होते जा रहे हैं।
जबलपुर रेल मंडल की सीमा में आने वाले तकरीबन 95 रेलवे स्टेशन हैं। मंडल से ही लगभग 30 से 35 यात्री ट्रेनें चलती हैं और 60 से 80 ट्रेनें रोजाना मंडल की सीमा से निकल रही है।
जबलपुर रेल मंडल ने पहले ही मंडल से चलने वाली चार ट्रेनों को रद्द करने की स्वीकृति पश्चिम मध्य रेलवे जोन से मांगी है। इनमें जबलपुर से नागपुर जाने वाली अमरावती एक्सप्रेस, जबलपुर-हबीबगंज जनशताब्दी, जबलपुर-रीवा इंटरसिटी जैस प्रमुख ट्रेनें हैं। इन्हें चलाने के लिए भी रेलवे के पास क्रू मेंबर नहीं है। इधर रेलवे अस्पताल में जगह नहीं है। हालात यह है कि अपने ही कर्मचारियों को भर्ती करने के लिए अस्पताल में बेड नहीं है। रेलवे यूनियनों से इसको लेकर नाराजगी बयां की है। हालांकि रेलवे प्रबंधन स्थिति सुधारने में जुटा है।
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