लापरवाही: 6 को टेस्ट, 26 तक नहीं आई रिपोर्ट, 1 मई तक होम क्वारंटीन का पर्चा किया चस्पा
जबलपुर: जबलपुर में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में आप सिस्टम के भरोसे ना रहें, बल्कि अपनी जिंदगी की परवाह खुद करें. जी हां वर्तमान हालात देखकर यही कहना उचित है क्योंकि यहां सरकारी तंत्र न तो सही इलाज दे पा रहा है और न ही समय पर कोरोना की जांच रिपोर्ट ही लोगों को मिल रही है, लेकिन प्रशासन की लापरवाही चरम पर है. तभी तो इंटरनैशनल खिलाड़ी को बिना कोरोना रिपोर्ट दिए ही ऑइसोलेट कर दिया.
सिविल लाइन रिज रोड निवासी श्रद्धा यादव वुशु खिलाड़ी हैं. जिन्होंने शहर का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है. बीते 6 अप्रैल को श्रद्धा को बुखार आया.
श्रद्धा ने तबीयत खराब होने के बाद खुद को 10 अप्रैल को ही आइसोलेट कर लिया था. डॉक्टर से परामर्श लेकर दवाइयां लेना शुरू कर दिया. इसके बाद वह ठीक भी हो गईं, लेकिन 26 अप्रैल को अचानक नगर निगम की टीम उनके घर पहुंची और दरवाजे पर कोविड पॉजिटिव का पोस्टर लगा दिया. जबकि श्रद्धा और उनका परिवार पूरी तरह स्वस्थ हो चुका है. इसमें भी कर्मियों ने होशियारी यह दिखाई कि पोस्टर में 22 अप्रैल की तारीख दर्ज कर दी और श्रद्धा को बताया कि उनकी रिपोर्ट 10 अप्रेल को ही पॉजिटिव आ गई थी.
पूरे मामले में सवाल यह है कि जब 10 अप्रैल को श्रद्धा की रिपोर्ट आ चुकी थी तो उन्हें बताया नहीं गया, चिकित्सकीय परामर्श क्यों नहीं दी गई और फिर 20 दिन बाद उसके घर जाकर पोस्टर लगाने का क्या मतलब है. यानी साफ है कि यदि आपको कोई भी बीमारी या परेशानी होती है तो उसकी सावधानी और इलाज के लिए आपको स्वयं ही ध्यान रखना है. यहां स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम आपकी फिक्र नहीं करेगा. यही कारण है कि श्रद्धा ने लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
इस मामले में लापरवाह प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. जबलपुर सीएसएमओ खुद कोरोना संक्रमित हैं, प्रभारी अधिकारी ने किसी तरह का बयान देने से मना कर दिया है.
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