दिल्ली की 'ड्रग क्वीन' का खौफनाक अंजाम, चौथे पति ने ही गोलियों से भूना
राजधानी दिल्ली का हजरत निजामुद्दीन इलाका मंगलवार सुबह के करीब 10:30 बजे अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा. इलाके में ये खबर आग की तरह फैल गई कि किसी शख्स ने शाइना नाम की महिला को गोलियों से भून दिया है, साथ ही उसके नौकर शहादत को भी गोलियां मारी गई हैं. मौका-ए वारदात पर पहुंची पुलिस ने देखा कि शायना की मौके पर ही मौत हो चुकी थी जबकि उसके घायल नौकर को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
शायना की मौत की खबर जैसे ही इलाके में फैली लोगों को भरोसा ही नहीं हुआ कि जिस शायना की दहशत पूरे इलाके में थी उसकी हत्या उसके ही चौथे पति वसीम ने कर दी है. जबकि उसके साथ मौजूद शहादत का इलाज अस्पताल में चल रहा है.
शायना ने की थीं 4 शादी
दरअसल, 29 साल की शायना ने अब तक 4 शादियां की थीं. उसके पहले और दूसरे पति उसको छोड़कर बांग्लादेश चले गए थे. जिसके बाद शायना ने तीसरी शादी की दिल्ली में नशे के कारोबार का किंग माने जाने वाले शराफत शेख से की थी. जिसको दिल्ली-एनसीआर में 'ड्रग लॉर्ड' के नाम से भी जाना जाता है. शराफत शेख के अपराधिक इतिहास में एनएसए, एनडीपीएस जैसे 30 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं.
शराफत शेख का ड्रग्स की दुनिया में बहुत अधिक दबदबा है, उसका खौफ इलाके में इतना था कि पुलिस भी दबिश डालने में परहेज करती थी. बढ़ती उम्र के साथ शराफत को एक साथी की जरूरत थी एक तेजतर्रार साथी की, लिहाजा उसने शायना से शादी कर ली थी. शादी के कुछ वक़्त बाद दिल्ली पुलिस ने शराफत को एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
एक साल पहले की थी वसीम से शादी
शराफत शेख के जेल में जाने के बाद शायना ने अभी 1 साल पहले ही वसीम नाम के शख्स से शादी कर ली थी. दोनों की शादी को कुछ वक्त ही हुआ था कि दिल्ली पुलिस ने शायना को ड्रग्स की तस्करी के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. ड्रग्स की तस्करी के मामले में अब शराफत शेख और उसकी बीवी शायना दोनों ही तिहाड़ जेल में थे.
शायना जेल में थी इसी बीच उसके चौथे पति वसीम का दिल उसकी बहन रेहाना से लग गया. रेहाना और वसीम एक-दूसरे से मोहब्बत करने लगे. शायना की गैर-मौजूदगी में दोनों के बीच संबंध भी बन गए थे. अभी ज्यादा वक़्त भी नहीं गुजरा था कि शायना को 8 महीने की गर्भवती होने की वजह से 24 अप्रैल को जेल से पैरोल पर छोड़ दिया गया.
जेल से छूटकर बदले वसीम के तेवर
शायना के जेल से छूटने के बाद उसने वसीम का बदला हुआ रवैया देखा. जेल से छूटने के बाद वसीम ने शायना से ठीक से मुलाकात भी नहीं की. इसी बीच शायना को इस बात की खबर लगी कि वसीम और रिहाना के बीच उसकी गैर-मौजूदगी में बेइंतेहा प्यार के रिश्ते बन चुके हैं. इस बात को लेकर शायना और वसीम में कई बार झगड़ा हुआ और यह झगड़ा नफरतों की सारी हदें पार कर चुका था.
शायना को अपने और रेहाना के बीच रुकावट बनते देख वसीम ने शायना को हमेशा-हमेशा के लिए अपने रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया और 27 अप्रैल को सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर जब शायना अपने नौकर शहादत के साथ घर के बाहर बैठी हुई थी तभी वसीम ने पिस्तौल निकाल कर पहले शहादत को एक गोली मारी उसके बाद शायना को 5 गोली मारीं.
प्लान के मुताबिक वसीम किसी भी हालत में शायना को जिंदा छोड़ना नहीं चाहता था. यही वजह थी कि वह अपने साथ दो पिस्तौल लेकर आया था. पहली पिस्तौल से एक गोली चली जबकि उसके बाद पिस्तौल में गोली फंस गई. इसी बीच वसीम ने दूसरी पिस्तौल निकाली और ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए शायना को मौत के घाट उतार दिया. कत्ल के वक्त वसीम बेहद सहज नजर आ रहा था वह तब तक वहां से नहीं किया जब तक उसने इस बात की तस्दीक नहीं कर ली कि शायना की मौत हो चुकी है.
कत्ल करने के बाद दोनों पिस्तौल अपने हाथ में लिए हुए वसीम सीधे निजामुद्दीन थाने की दहलीज पर पहुंच गया और उसने थाने के पुलिसकर्मियों को क़त्ल की पूरी जानकारी दी. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. आरोपी वसीम का अभी तक कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है. पुलिस इस हत्याकांड में रेहाना की भूमिका की भी जांच कर रही है. जांच इस बात की भी हो रही है कि कहीं शराफत शेख़ के जेल जाने के बाद और शायना की मौत नशे के बड़े सिंडिकेट पर कब्जे की साज़िश तो नहीं है.
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