किराए पर रहने वालों के लिए आई बड़ी खबर, सरकार ने नए कानून को दी मंजूरी, पहली बार मिलेंगे ये अधिकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में किराये के कानून (Model Tenancy Act) पर बड़ा फैसला लिया गया. प्रधानमंत्री ने इस कानून को मंजूरी दे दी. यह कानून सभी प्रदेशों में समान रूप से लागू होगा. फैसले में कहा गया है कि मॉडल टिनेंसी एक्ट को या तो नए रूप में लागू किया जाए या फिर पहले से चले आ रहे रेंटल कानून को संशोधित कर लागू किया जाए.
अब बदले या संशोधित कानून को आदर्श किराया कानून कह सकते हैं. दरअसल, मॉडल टिनेंसी एक्ट (Model Tenancy Act) में राज्यों में इससे संबंधित अथॉरिटी बनाने का प्रस्ताव है. राज्य सरकारें किराये की प्रॉपर्टी को लेकर किसी विवाद के जल्द समाधान के लिए रेंट कोर्ट्स और रेंट ट्रिब्यूनल्स भी बना पाएंगी.
प्रॉपर्टी मालिक और किरायेदार, दोनों को एग्रीमेंट साइन करने के बाद संबंधित अथॉरिटी को मासिक किराया, किराये की अवधि और मकान मालिक और किरायेदार पर रिपेयरिंग के छोटे-बड़े काम की जिम्मेदारी जैसी तमाम जानकारियां देनी होंगी. बाद में अगर कोई विवाद हुआ तो दोनों पक्ष अथॉरिटी के पास जा पाएंगे.
क्या होगा नए कानून से
नए कानून के बारे में कहा गया है कि यह रेंट से संबंधित पूरे कानूनी ढांचे में बड़ा बदलाव करेगा जिससे देश में रेंटल हाउसिंग में तेजी से प्रगति होगी. इससे हर तरह के विकास में तेजी देखी जाएगी. इस नए कानून की मदद से देश में रेंटल हाउसिंग मार्केट को बढ़ाने की कवायद है. सभी इनकम ग्रुप के लोगों के लिए रेंटल हाउसिंग की व्यवस्था हो सके और जिन लोगों को बेघर होने की समस्या से जूझनी पड़ती है, उन्हें भी इस कानून से बड़ी मदद मिलेगी. इस कानून पर लंबे दिनों से चर्चा चल रही थी और इसमें बड़े परिवर्तन की मांग उठाई जा रही थी.
क्या होगा बदलाव
Model Tenancy Act की मदद से रेंटल हाउसिंग के काम और इस क्षेत्र में आने वाली तमाम प्रॉपर्टी को संस्थागत कामकाज का अधिकार मिल जाएगा. यानी कि ऐसी प्रॉपर्टी अब नियम-कानून के दायरे में होगी. इसकी खरीद-बिक्री या किराये का पूरा कानून होगा. इससे लोगों को प्रॉपर्टी रेंट पर लेने में आसानी होगी. धोखाधड़ी या प्रताड़ना से बचने का पूरा अधिकार मिलेगा. नए कानून के चलते रेंटल हाउसिंग को एक औपचारिक बाजार तैयार होगा जिससे कई क्षेत्रों में विकास होगा.
अब ऐसा नहीं होगा कि किरायेदार के हाथों रेंटल को परेशानी झेलनी होगी. या रेंटर बिना किसी एग्रीमेंट किरायेदार पर शोषण या प्रताड़ना का आरोप लगाएगा. अगर दोनों को एक दूसरे से परेशानी है तो उन्हें अथॉरिटी में जाने का अधिकार होगा. इसके लिए खास कोर्ट भी बनाए जाएंगे.
रेंट का बिजनेस चमकेगा
नया कानून अमल में आने के बाद वे मकान या प्रॉपर्टी बाजार का हिस्सा हो जाएंगे जो काफी अरसे बंद थे. नया कानून इन प्रॉपर्टी को किराये पर चढ़ाने का अधिकार देगा. प्रॉपर्टी की रक्षा हो सके और मकान-मालिक के भी अधिकार सुरक्षित रहें, इस तरह की सुविधाएं मिलेंगी. अब रेंटल हाउसिंग में निजी लोगों या कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़ जाएगी. आजकल रेंट का बिजनेस भी काफी सही है. कई एजेंसियां इस काम में लगी हैं. इन एजेंसियों में प्रॉपर्टी मालिक और किराये पर मकान लेने वालों की लिस्ट होती है.
नया कानून बनने से रेंटल बिजनेस को तेजी मिलेगी. खाली पड़े मकान जब रेंटल के लिए मुख्यधारा में आएंगे तो इससे हाउसिंग का बिजनेस चमकेगा. जैसे मकान खरीदने का बिजनेस चलता है, वैसे उसे किराये पर लेने का बिजनेस भी तेज होगा.
दोनों को मिलेंगे कई अधिकार
इस कानून को लागू कराने या पूरा अधिकार राज्यों पर होगा. नया कानून बनने से रेंटर के साथ-साथ मकान-मालिक को भी कई अधिकार मिलेंगे. मकान या प्रॉपर्टी के मालिक और किरायेदार में किसी बात को लेकर विवाद होता है, तो उसे सुलझाने का दोनों का कानूनी अधिकार मिलेगा. कोई किसी की प्रॉपर्टी पर कब्जा नहीं कर सकता. मकान मालिक भी किरायेदार को परेशान कर घर खाली करने के लिए नहीं कह सकता. इसके लिए जरूरी प्रावधान बनाए गए हैं. घर खाली कराना है तो मकान मालिक को पहले नोटिस देना होगा. रेंटर को भी इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिस रेंट की प्रॉपर्टी पर वह रहता है, उसकी देखभाल की जिम्मेदारी उसकी होगी.
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